- निदेशक : एम गनी
- स्क्रिप्ट राइटर : पुलकित फिलिप
- कहानीकार : एम गनी
- अभिनय : प्रकाश झा, अनीता चौधरी, आरोही शर्मा, इधिका रॉय, डिम्पी मिश्रा, सी पी शर्मा, अयान मदार
- प्रदर्शन : 16 सितम्बर, 2022
हिंदी सिनेमा में यह एक अद्भुत्त कहानी को लेकर चलने वाली पिक्चर है। इस पिक्चर की ख़ासियत मुख्य तौर पर भाषिक है जिसमें मथुरा के ग्रामीण बृज भाषा का प्रयोग किया गया है। यह हरे-भरे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की कहानी है। जैसा कि विषय से ही ज्ञात होता है कि इसका मुख्य पात्र मट्टो है और उसकी साइकिल इसके केंद्र में रहती है। मट्टो एक ग्रामीण मजदूर है। उसकी एक पत्नी और दो बेटियां है। वह एक निर्धन व्यक्ति भी है। दो दशकों से वह अपनी साइकिल के सहारे रोजी रोटी कमाने गाँव से बहार जाता था। उसके घर में पानी भी इसी साइकिल के द्वारा ही उठा कर लाया जाता था। परन्तु उसकी साइकिल दुर्घटना में पूर्णता खराब हो जाती है जिसके कारण रोजी-रोटी कमाने के लिए मट्टो को काफी पैदल चलना पड़ता है। उसके गाँव के एक चुनाव का दृश्य भी इसमें आया है जिसमें नेता चुनाव जितने के बाद जनता के पैसो से ऐश करने लगता है और गाँव का कोई विकास नहीं करता। मट्टो उधर पर एक नई साइकिल खरीदता है लेकिन वह भी चोरी कर ली जाती है। वह शिकायत के लिए थाने जाता है तो वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं होती। इस कहानी का अंत दुखदायी है। मट्टो कि जीवन-चर्या में महत्वपूर्ण साइकिल चोरी हो जाती है और सरकार उससे मुँह मोड़ लेती है
यह पिक्चर असलियत की कहानी है। नेता और पुलिस का भ्रष्ट व्यवहार और निर्धन व्यक्ति की करुण गाथा कहती इस कहानी में एक साइकिल है जो किसी व्यक्ति के जीवन में जरुरी थी और जो आगे चल कर छीन जाती है।