- क्षेत्रफल : 443
- एंट्री फीस : कोई फीस नहीं
- मेट्रो : साकेत
संजय वन, दिल्ली के वसंत कुंज और महरौली के पास एक विशाल शहरी वन क्षेत्र है। यह शहर में सबसे घने जंगली इलाकों में से एक है जो दिल्ली के लिए फेफड़े का काम करता है। हम इसे जंगल कह सकते हैं जो मेहरौली के दक्षिण मध्य रिज का एक हिस्सा है। अरावली पर्वत श्रृंखला से जुड़े होने के कारण यहाँ पहाड़ी क्षेत्र भी मौजूद है। अगर आपको जंगल पसंद है और जंगल का अनुभव लेना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक उपयुक्त जगह है। यह इतना विशाल है कि आप खो भी सकते हैं। इसकी गहराईयों में कई स्थान तो ऐसे भी आते हैं जिसको भूतिया कहा जाता है लेकिन वह भूतिया नहीं है बल्कि आपको बाहरी दुनिया से अछूता करने में सक्षम है। दुनिया से कट कर कुछ लोगो को डर भी लग जाता है। अगर आप यहाँ जाना चाहते हैं तो आपके लिए जरुरी है कि आप अपने पुरे दिन को इसे सौंप दें क्योंकि पुरे एक दिन में भी इसे अच्छी तरह देखना मुश्किल है।
यह वन, पक्षी देखने वालों और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए कुछ एकांत स्थानों में से एक है। स्थानीय अथवा प्रवासी पक्षियों में भारतीय मोर, ग्रे बगुला, यूरेशियन गोल्डन ओरिओल, बैंगनी सनबर्ड, एशियाई कोयल, ब्राह्मणी स्टार्लिंग, इंडियन सिल्वरबिल, ग्रे-ब्रेस्टेड प्रिनिया, क्रेस्टेड हनी बज़र्ड, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर, रूफस ट्रीपी, इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर, यूरेशियन शामिल हैं। स्पैरोवॉक, रेड-वेटल्ड लैपविंग, कैटल एग्रेट, कॉमन मूरहेन, व्हाइट-ब्रेस्टेड वाटरहेन, ग्रे फ्रेंकोलिन और जैकोबिन कोयल आदि प्रवासी पक्षी इस जंगल में रहते हैं। यह जंगल नीलगाय, सुनहरी सियार, सांप और तितलियों की एक बड़ी विविधता के लिए भी प्राकृतिक आवास संरक्षित करता है
क़िला ‘लाल कोट’ से इस जंगल का दृश्य देखने लायक होता है। इसमें अनंग ताल, संजय वन तालाब, राम मंदिर तालाब आदि जलीय क्षेत्र मौजूद है। इस जंगल के बीच आशिक़ अली दरगाह, शेख हाफ़िज़ रियाजुद्दीन शाह वली दरगाह व ईदगाह के साथ-साथ प्राचीन गुरु गोरखनाथ मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर, राम मंदिर आदि भी दर्शनीय है। इस जंगल में एक पीकॉक पॉइंट नाम कि जगह है जहाँ पर विशाल पत्थर और गार्डन देख कर आपको आनंद आएगा।
इस जंगल का अनुभव दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्र में करके आपके भी होश उड़ जायेंगे और यह जगह आपके दिल में घर कर जाएगी। प्रकृति के बहुत करीब आने के लिए यह जगह सबसे अच्छी है।